
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के निदेशक विश्वजीत साहा ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मुख्य उद्देश्य को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क ( NCF) के जरिए लागू किया जाएगा। नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए गए है।
पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में साहा ने कहा कि, ''नई नीति में विभिन्न सिद्धांतों एवं बहु विषय पहल के समागम की स्वतंत्रता प्रदान की गई है। उन्होंने यह भी कहा, ''नीति के मुख्य उद्देश्य को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत पूरा करने के लिए ज्यादा से ज्यादा सहभागिता की जरूरत होगी।''
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निदेशक ने कहा कि, ''प्रतिस्पर्धी शिक्षा और शिक्षण परिणाम के लिये जरूरी ट्रेनिंग के बारे में चर्चा हो सकती है, लेकिन एक बार निर्णय कर लेने के बाद अब हम इसे आगे बढ़ाना चाहते हैं। यह सभी पक्षकारों की प्रगतिशील सहभागिता के जरिए हासिल की जा सकती है।कार्यक्रम में बोलते हुए साहा ने नई शिक्षा नीति को अग्रगामी नीति बताया।''
34 साल बाद बदली शिक्षा नीति
केंद्रीय सरकार द्वारा हाल ही में नई शिक्षा नीति को मंजूरी के बाद देश में 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया जाएगा। नई नीति के तहत स्कूली शिक्षा में सुधार, पांचवी कक्षा तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई, 3 या 4 वर्ष का स्नातक कोर्स चुनने का विकल्प, डिग्री कोर्स में बहु स्तरीय प्रवेश या निकासी की व्यवस्था, उच्च शिक्षा में एकल नियामक, फीस तय किये जाने जैसे कई सुधारों किए गए हैं।
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