
जबलपुर. मप्र हाइकोर्ट ने चीन से किये जा रहे अमानक जिलेटिन के आयात पर रोक नहीं लगाने के आरोप पर केंद्र सरकार को अंतिम अवसर दिया। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस वीके शुक्ला की डिवीजन बेंच ने सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया।
यह है मामला
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया कि देशभर में जिलेटिन का उपयोग दवाओं और खाद्य पदार्थों में होता है। लेकिन देश में कई प्राइवेट कंपनियां चायनीज जिलेटिन आयात कर रही हैं, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन से आयात किए जाने वाले जिलेटिन में भारी मात्रा मे क्रोमियम और सलमोनेलिया पाया गया है। मामले में 4 साल पहले याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को भी पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। 14 सितंबर 2019 को हाइकोर्ट ने मामले पर केन्द्र सरकार, फूड सेफ्टी एण्ड स्टैंडर्ड अथॉरिटी एवं ड्रग कंट्रोलर जनरल को नोटिस जारी किया था।
तत्काल किया जाए प्रतिबंधित
अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय व शांति तिवारी ने बताया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से याचिकाकर्ता के पत्र का 4 मार्च 2020 को जवाब दिया गया। इसमें बताया गया कि 2017-2019 के दौरान चीन से आयातित 442 टन जिलेटिन में से 289 टन खाद्य पदार्थ में मिलाने योग्य नहीं पाया गया। जबकि करीब 41 टन जिलेटिन रिजेक्ट कर दिया गया। इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए तत्काल चाइनीज जिलेटिन को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया गया। सोमवार को राज्य सरकार के अनुरोध पर जवाब के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया गया।
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