अब गणेश पूजन भी व्यक्तिगत स्तर पर, नहीं सजेंगे पूजा पंडाल

जबलपुर. अब जबकि त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है। लेकिन कोरोना संक्रमण भी तेज है। लिहाजा इस वर्ष भर सारे तीज-त्योहार चाहे वो किसी धर्म, संप्रदाय से जुड़े हों सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाए जाएंगे। वैसे भी जब इतनी बड़ी तादाद में कोरोना ने देशवासियों को जकड़ रखा है। इतनी बड़ी तादाद में लोग इस महामारी के शिकार हो असमय ही काल कलवित हो चुके हों, उसमें उत्सव मनाना भी वक्त का तकाजा नहीं। ऐसे में फिलहाल सरकारें हों या स्थानीय प्रशासन हर तरफ से एक ही गाइडलाइन जारी की जा रही है, सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, जब तक बहुत जरूरी न हो घरो से बाहर न निकलें। सारे तीज-त्योहार मनाने की औपचारिकता घरों में ही पूरी करें।

इस बाबत जिला प्रशासन की ओर से आयोजित शांति समिति की बैठक में कलेक्टर भरत यादव ने स्पष्ट कर दिया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होने वाली गणेश पूजा भी सार्वजनिक तौर पर नहीं मनाई जाएगी। पूजा पंडाल नहीं सजाए जाएंगे। लोग घरों में ही व्यक्तिगत तौर पर पूजन अर्चन कर सकेंगे। इसी तरह ताजिए भी सार्वजनिक तौर पर कहीं नहीं रखे जाएंगे, न जुलूस निकलेगा।

कृष्ण जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ प्रतियोगिताओं का आयोजन भी नहीं होगा। हर तरह के धार्मिक जुलूस भी इस दौरान नहीं निकाले जा सकेंगे। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने भी निर्देश दिए कि थाना स्तर पर सभी धर्म संप्रदाय के लोगों के साथ अलग-अलग बैठक की जाएगी। जिससे समय रहते गाइडलाइन का पालन कराया जा सके।

शांति समिति की बैठक

शांति समिति की बैठक में तय हुई गाइड लाइन

- गणेश प्रतिमाओं को घर में स्थापित करना होगा। विसर्जन के लिए भी अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। पंडाल में गणेश प्रतिमा नहीं रखी जाएंगी। भंडारा, लंगर जैसे आयोजन नहीं होंगे।
-ताजिये भी सार्वजनिक स्थलों, सड़कों पर नहीं रखे जाएंगे। सिर्फ निर्धारित धार्मिक जगहों पर ही ताजिये रखे जाएंगे।

परंपरागत मंदिरों में परंपरा की औपचारिकता

- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में जन्म के समय रात 12 बजे से आधे घंटे के लिए सिर्फ परंपरागत मंदिरों में जहां भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के निमित्त पूजन-अर्चन होता आया है, केवल वहीं के लिए पूजन-अर्चन की अनुमति दी जाएगी। लेकिन यह काम मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग कर सकते हैं। लोगों को घरों में ही रहकर जन्माष्टमी मनाना होगा। प्रसाद का वितरण भी नहीं किया जा सकेगा। ऐसे मंदिरों में पांच से ज्यादा लोग एक साथ प्रवेश नहीं कर सकेंगे। सनातन धर्म महासभा की शोभायात्रा भी रद्द की गई है।

- किसी भी त्योहार में निकलने वाले जुलूस नहीं निकाले जाएंगे। वाहन रैली और एक साथ पैदल जुलूस निकालने पर प्रतिबंध रहेगा। डीजे नहीं बजाया जा सकेगा और आतिशबाजी भी इस दौरान नहीं होगी। धारा 144 के तहत अस्त्र-शस्त्र लेकर चलना भी प्रतिबंध के दायरे में रहेगा।

धार्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द रहेगी चौकस व्यवस्था

त्योहारों पर सार्वजनिक तौर पर पूजन-अर्चन भले न हो फिर भी मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थलों के आस-पास साफ-सफाई के मुकम्मल इंतजाम किए जाएंगे। विद्युत आपूर्ति सुचारु रहने के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी धार्मिक स्थलों के आसपास सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम रहेंगे।



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