आपको चलते-चलते हड्डी तुड़वानी है तो इस शहर की सड़कों पर वाहन चला लें

जबलपुर। यदि वाहन चलाते हुए हादसे का शिकार होना है, तो जबलपुर शहर की सड़कों पर आ जाएं। यहां बारिश पूर्व सड़कों की मरम्मत मरम्मत नहीं होने से गड्ढों और उनमें भरा पानी हादसे का सबब बन गया है। कई सड़कों पर वाहन चालकों को गड्ढों के बीच सड़क ढूंढऩा पड़ता है। कुछ सड़कों पर आधे से एक फुट गहरे और कई मीटर चौड़े गड्ढे हो गए हैं। जबकि कई सड़कें सीवर लाइन और पानी की पाइप लाइन बिछाने के बाद समय पर रीस्टोलेशन नहीं होने से धंस गई हैं। सडकों के गड्ढे राहगीरों के अस्थिपंजर हिला रहे हैं। वाहनों का पहिया गड्ढे में पड़ते ही लोग कराह उठते हैं। हद तो यह है कि जर्जर सड़कों के एक्सीडेंटल प्वाइंट्स पर संकेतक भी नहीं लगाए गए हैं। गड्ढों को पूरने के बजाय कहीं पत्थर-ईंट का घेरा बना दिया गया है, तो कुछ जगह लकड़ी गड़ा दी गई। इससे दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। वाहनों में भी टूट-फूट हो रही है। इसके बावजूद सम्बंधित महकमे के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है। 'पत्रिकाÓ टीम ने शहर की सड़कों की पड़ताल की तो ये हालात मिले।
मरम्मत की जगह डाल दिया मलबा
पुरवा से त्रिपुरी चौक तक की सड़क चलने लायक भी नहीं बची है। सड़क की मरम्मत कराने के बजाय बीच में मलबा डाल दिया गया है। क्षेत्र के व्यवसायी श्याम कुमार ने बताया कि कीचड़ होने के कारण फिसलन बढ़ गई है। इससे वाहन चलक असंतुलित होकर गिरकर चोटिल हो रहे हैं।
गड्ढों में ढूंढ़ते हैं सड़क
पंडा की मढिय़ा से झंडा चौक मार्ग भी बदहाल है। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि दो साल से अधिक समय से सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई। आलम यह है कि इस मार्ग पर राहगीरों को गड्ढों के बीच सड़क ढूंढऩा पड़ता है। गड्ढों में बारिश का पानी भरने से हादसे हो रहे हैं।
आधे से एक फुट गहरे हो गए गड्ढे
मेडिकल तिराहा से आईसीएमआर के बीच सड़क पर कई जगह आधे से एक फुट तक गहरे गड्ढे हो गए हैं। गड्ढों के कारण इस मार्ग से गुजरने वाले एम्बुलेंस में सवार मरीज दर्द से कराह उठते है। क्षेत्र के लोग डेढ साल सड़क का निर्माण कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन आज भी स्थिति जस की तस है। उखरी से निजी अस्ताल को जाने वाली सडक पर भी गहरे गड्ढों की भरमार है। गड्ढों के कारण वाहनों में टूटफूट हो रही है। क्षेत्र के राम सिंह ने बताया की दो दिन पहले उजारपुरवा निवासी साकेत कुमार अपने पांच साल के बेटे के साथ साईकिल से जा रहे थे। साइकिल का पहिया गड्ढे में पड़ा तो फ्रेम टूट गया और दोनों गिर गए। उन्हें चोटें आई हैं।
निगम कार्यालय के सामने सड़क बदहाल
गुलौआ में नगर निगम के जोन कार्यालय के समीप सड़क चलने लायक भी नहीं बची है। कई स्थानों पर सड़कों के गड्ढे एक्सीडेंटल प्वाइंट बन गए हैं। इसके बावजूद सड़क निर्माण तो दूर गड्ढों को भी नहीं पूरा जा रहा है। बरसात होने पर सड़क के इन गड्ढों में पानी भर जाने से दुर्घटना का खतरा और बढ़ जाता है। यातायात का सबसे अधिक दबाव झेलने वाली इस सड़क के परखचे उड़ गए हैं। सड़क की गिट्टी उचट कर राहगीरों को घायल कर रही है। अमखेरा निवासी अंकित सिंह, राजकुमार ने बताया कि लम्बे समय से सडक के निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे आए दिन हादसे हो रहे हैं। सम्भागायुक्त व प्रशासक नगर निगम महेशचंद्र चौधरी ने बताया कि नगर में सड़कों की स्थिति की समीक्षा करेंगे। बरसात में सड़कों का निर्माण या मरम्मत सम्भव नहीं होता। निगम के अधिकारियों को सड़कों के गड्ढे भरवाने के निर्देश दिए जाएंगे।



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