
IIT मद्रास जल्द ही बायोमिमिक्री कोर्स लॉन्च करने जा रहा है। इस कोर्स के जरिए स्टूडेंट्स को सिखाया जाएगा कि वे किस तरह प्रकृति से प्रेरणा लेकर जटिल से जटिल समस्याओं का भी समाधान कर सकते हैं। ये एक सेमेस्टर में पढ़ाया जाने वाला इलेक्टिव कोर्स होगा।
लाखों जीव ऐसे हैं, जिन्होंने धरती पर बने रहने के लिए अरबों सालों में कई तरह की रणनीतियां विकसित की हैं। इन जीवों की रणनीति से हम अपनी समस्याओं का समाधान भी ढूंढ सकते हैं।
क्या है बायोमिमिक्री ?
बायोमिमिक्री कोर्स में इंजीनियरिंग और बायोलॉजी विषयों का मिश्रण होगा। हालांकि, इसकी पढ़ाई करने के लिए किसी का इंजीनियर या फिर बायोलॉजिस्ट होना जरूरी नहीं है। IIT मद्रास का कहना है कि हर वह स्टूडेंट इस कोर्स के लिए योग्य है, जिसमें प्रकृति से जुड़े सवालों को लेकर जिज्ञासा है।
भारत में बायोमिमिक्री का पहला कोर्स होगा
IIT मद्रास का दावा है कि ये भारत में पूरे पाठ्यक्रम के साथ शुरू किया गया पहला बायोमिमिक्री कोर्स होगा। IIT मद्रास के डीन एमएस शिवकुमार, गोपाल कृष्णन देशपांडे सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप के सीआईओ शिव सुब्रह्मण्यम. एप्लाइड मैकेनिक्स डिपार्टमेंट के सत्यनारायण शेषाद्री और बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के श्रीनिवास चक्रवर्ती स्टूडेंट्स को यह कोर्स पढ़ाएंगे।
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