
जबलपुर। बसों से सफर करने वाले यात्रियों की परेशानी इस माह भी कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इसका कारण है बस ऑपरेटर्स की मनमानी। प्रदेश शासन के आदेश के बाद भी ऑपरेटर्स ने विभिन्न मांगों को लेकर बसों के पहिए जाम कर रखे हैं। इससे यात्रियों को टैक्सी में सफर करना पड़ रहा है। टैक्सी संचालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं।
टैक्सी वाले वसूल रहे मनमाना किराया
बस यात्रियों की मुश्किल कम होने के आसार नहीं, मांगों पर अड़े हैं ऑपरेटर्स
लॉकडाउन के बाद से थमे हैं पहिए-
कोरोना संक्रमण के कारण देशभर में 22 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद बसों का संचालन भी बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद बस ऑपरेटर्स विभिन्न मांगों को लेकर अड़ गए। मांगें पूरी नहीं होने तक बसों का संचालन बंद कर दिया। बसें नहीं चलने से सबसे ज्यादा परेशानी नागपुर जाने वाले यात्रियों और मरीजों को हो रही है। इस रूट पर ट्रेनों का भी संचालन भी बंद है। ऐसे में नागपुर जाने के लिए टैक्सी ही एकमात्र विकल्प है।

किराए में जा रही आधी मजदूरी -
बसों का संचालन बंद होने से मजदूर भी परेशान हैं। दमोह, सागर, मंडला, डिंडोरी, बालाघाट और अमरकंटक से शहर आने वाले मजदूरों को छोटे वाहनों में सफर करना पड़ रहा है। उन्हें बस के किराए के अनुपात में आठ से दस गुना अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। इससे उनकी आधी मजदूरी किराए पर ही खर्च हो रही है।
छोटे व्यापारी भी प्रभावित -
बसों के बंद होने का असर छोटे व्यापारियों समेत नौकरीपेशा लोगों पर भी पड़ा है। बढ़ी संख्या में लोग विभिन्न शहरों से जबलपुर आते और यहां से आसपास के जिलों में जाते हैं।
ये है स्थिति
150 बस ऑपरेटर्स हैं शहर में
800 बसों का संचालन
45 हजार यात्री करते हैं यात्रा
इन रूट्स पर ज्यादा परेशानी : नागपुर, सागर, दमोह, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अमरकंटक, रायपुर।
बसों का संचालन शुरू करने के लिए ऑपरेटर्स से बातचीत जारी है। वे मांगों पर अड़े हुए हैं।
- संतोष पॉल, आरटीओ
इस माह भी बसों का संचालन नहीं हो सकेगा। प्रदेश सरकार मांगें नहीं मान रही है। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
- नसीम बेग, कोषाध्यक्ष, आईएसबीटी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन
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