टैक्स माफ कराने के प्रयास में बस ऑपरेटर्स

जबलपुर। यात्री बसों और अन्य वाहनों का बकाया टैक्स 31 अगस्त तक जमा करने के आदेश के बाद बस ऑपरेटर्स में हड़कम्प है। ऑपरेटर्स इसे परिवहन विभाग की मनमानी बताते हुए टैक्स माफ नहीं होने की दशा में आंदोलन की बात कह रहे हैं।
सरकार और बस ऑपरेटर्स के बीच चल रही इस लड़ाई का खामियाजा आम जनता का भुगतना पड़ रहा है। बसों का संचालन शुरू न होने से यात्री परेशान हैं।
31 अगस्त तक का दिया समय
परिवहन आयुक्त ने हाल जारी किए आदेश में अप्रैल से अगस्त तक का टैक्स 31 अगस्त तक जमा करने की बात कही है। यह भी कहा कि उक्त तिथि तक टैक्स जमा हो गया तो कोई पेनाल्टी नहीं लगेगी।
फिर भी नहीं संचालन
कोविड-19 के खतरे के चलते सरकार ने बसों में 50 प्रतिशत सवारी बैठाने की अनुमति दी। इसके बाद भी बसों का संचालन शुरू नहीं किया गया। सरकार ने ऑपरेटर्स की बात मानी और कुछ स्थान विशेष को छोड़कर पूरे प्रदेश में परमिट के अनुरूप यात्री बिठाने की अनुमति दे दी। इसके बाद भी बसों का संचालन शुरू नहीं हुआ।
मजदूरों की मुसीबत
बसें बंद होने से सबसे ज्यादा मुसीबत मजदूरों को झेलनी पड़ रही है। जबलपुर में मंडला, डिंडोरी, सागर, दमोह समेत आसपास के अन्य इलाकों से मजदूर आते हैं। इन स्थानों से आने-जाने के लिए बस ही एक सुगम साधन है।
शहर की स्थिति
कुल ऑपरेटर्स- 150
कुल बसें- 800
कुल ड्राइवर- 1200
कुल कंडक्टर- 1300
कुल क्लीनर- 1000
अन्य- 2000
सरकार से बातचीत जारी है। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। न्यायालय से जो भी निर्णय होगा वह मान्य होगा।
कमल किशोर तिवारी, अध्यक्ष, आईएसबीटी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन
टैक्स माफ न होने के कारण ऑपरेटर्स को आर्थिक नुकसान झेलना पडेग़ा। जिन माह में बसों का संचालन नहीं हुआ है, उनका भी टैक्स लेना न्यायसंगत नहीं है। टैक्स माफ नहीं हुआ, तो आंदोलन किया जाएगा।
नसीब बेग, आईएसबीटी बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन



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