मप्र का ये शहर ऐसे बचा रहा बारिश का पानी, पूरे प्रदेश में हो रही चर्चा

जबलपुर। बारिश के पानी को सहेजने के लिएजल शक्तिअभियान के तहत मदन महल पहाड़ी की कंदराओं में 13 वृहद जल संवर्धन संरचनाएं तैयार की गई हैं। इन संरचनाओं के जरिए पहाड़ी का पानी सीधे भू-गर्भ में पहुंचाया जा सकेगा। इससे भू जल संवर्धन के साथ ही तेज बारिश होने पर कई इलाकों में होने वाले जलभराव से भी राहत मिलेगी। नगर निगम व स्मार्ट सिटी ने चौहानी मुक्तिधाम और देवताल के बीच ऐसी कई संरचनाओं को विकसित किया है।

जलशक्ति अभियान के तहत निगम प्रशासन की पहल
‘अमृत’ सहेजने के लिए जल संवर्धन संरचनाएं तैयार, भू-गर्भ तक जाएगा पानी, बढ़ेगा जलस्तर

सडक़ पहाड़ी के पानी से नहीं होंगी लबालब
विशेषज्ञों के अनुसार जबलपुर नगर की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए वर्षा जल संवर्धन का पुराना तंत्र काफी सुदृढ़ रहा है। पहाडिय़ों का पानी एक तालाब से दूसरे तालाब में पहुंचता था। नगर के सभी तालाब बारिश में भर जाते थे। इस पानी का उपयोग पीने और फसलों की सिंचाई में होता था। पिछले पांच दशकों में तालाबों के आपसी जुड़ाव की यह व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। इससे बरसात में देवताल, त्रिपुरी चौक समेत कई इलाकों में जलभराव होता है। जल संवर्धन संरचनाओं के जरिए पहाड़ी का पानी अब भूगर्भ में पहुंचेगा।

वर्षा जल को भू-गर्भ में पहुंचाने के लिए मदन महल पहाड़ी के कब्जा मुक्त कराए गए क्षेत्र में जल संवर्धन संरचनाएं विकसित की गई हैं। इससे भू जल स्तर में सुधार के साथ पहाड़ी का पानी बहकर सीधे सडक़ों पर नहीं आएगा। इससे होने वाले जलभराव से भी राहत मिलेगी।
- कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, नगर निगम



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