
जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने माना कि पत्नी किसी के रुपये और गहने लेकर फरार हो गई है, तो इसमें पति का दोष नहीं है। जस्टिस विष्णु प्रताप सिंह चौहान की सिंगल बेंच ने इस आधार पर आरोपी को कोरोना काल में अधिक समय तक जेल में बंद रखने को सही नहीं माना। कोर्ट ने आवेदक की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए उसका कोरोना टेस्ट कराने के बाद रिहा करने का निर्देश दिया।
गहने और रुपए लेकर पत्नी फरार तो पति का दोष नहीं
हाइकोर्ट ने कहा, कोरोना टेस्ट कराने के बाद रिहा करने का दिया निर्देश
भोपाल निवासी राजेश की ओर से अधिवक्ता जेएल सोनी ने तर्क दिया कि पुलिस थाना इटारसी नगर, भोपाल में आवेदक के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ है। उसकी पत्नी एक व्यक्ति के गहने व रुपए लेकर चम्पत हो गई। इस पर उसके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर लिया गया। पूर्व में उसे कोराना काल में जेल में संक्रमण के खतरे के तर्क पर 45 दिन की अंतरिम जमानत का लाभ दिया जा चुका है। लिहाजा अब उसे नियमित जमानत दी जा सकती है। आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता मुकुंद कुमार व राज्य की ओर से पैनल लॉयर राकेश सिंह ने आवेदन का विरोध करते हुए तर्क दिया कि जमानत अर्जी मंजूर की गई तो वह भी फरार हो सकता है। कोर्ट ने जमानत आवेदन मंजूर कर कोरोना टेस्ट के बाद रिहा करने का निर्देश दिया।
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