निजी हॉस्पिटल कर रहे कोरोना के इलाज में आनाकानी, अब होटल में भी उपचार!

जबलपुर। प्रशासन के निर्देशों के बाद भी अधिकांश निजी अस्पताल कोरोना मरीजों को उपचार के लिए भर्ती नहीं कर रहे हैं। केवल दो या तीन अस्पताल ही मरीजों के प्रति गंभीर हैं। यह जानकारी सामने आने पर कलेक्टर भरत यादव ने ऐसे सभी अस्पताल को नोटिस देने की बात कही जो लापरवाही कर रहे हैं। जिले की स्वास्थ विभाग की टीम ऐसे निजी अस्पतालों का निरीक्षण करे और वहां कोरोना मरीजों के उपचार के लिए किए गए इंतजाम और व्यवस्थाओं की जांच कर रिपोर्ट सौंपे।
सोमवार को कलेक्टर ने निजी अस्पताल एवं होटल संचालकों की बैठक में कहा कि निजी अस्पताल संचालक उनके यहां भर्ती मरीजों कोरोना का टेस्ट करवाने के लिए निजी पैथालॉजी लैब से टाई- अप कर सकते हैं। लेकिन निजी पैथोलॉजी सेंटर के संचालकों को कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नियमित तौर पर सीएमएचओ ऑफिस को उपलब्ध करवानी होगी ताकि कोरोना पॉजीटिव व्यक्ति की समय पर अस्पताल में शिफ्टिंग कर उपचार किया जा सके। बैठक में अपर कलेक्टर हर्ष दीक्षित, डॉ जितेन्द्र जामदार, डॉ राजेश धीरावाणी, सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुररिया, सौरभ बड़ेरिया, सरबजीत सिंह मोखा, होटल एसोसिएशन के अमरजीत सिंह छाबड़ा, डॉ धीरज दवन्डे व जेटीपीसी के सीईओ हेमंत सिंह मौजूद थे।
बढ़ रहे मरीज, जरुरी है होटल में उपचार सुविधा
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि होटल में रहकर इलाज करवाने के इच्छुक एसिम्प्टमेटिक एवं माइल्ड सिम्प्टम्स वाले कोरोना मरीजों को यह सुविधा देने की दिशा में तेजी से काम किया जाए। कोरोना के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए अब यह जरुरी भी हो गया है कि निजी अस्पतालों की सहायता से ऐसे मरीजों को होटल में उपचार मिले जो अपने खर्च पर यह चाहते हों। इससे शासकीय अस्पतालों का बोझ कम होगा। वहां कोरोना के गंभीर रोगियों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। निजी अस्पताल और होटल संचालक आपस में चर्चा कर पैकेज तय कर लें। निजी अस्पताल के चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ ऐसे मरीजों के स्वास्थ पर निगरानी रखे तथा उन्हें चिकित्सकीय परामर्श और दवाएं भी उपलब्ध कराए।



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