
जबलपुर। ‘जोन के भीतर कम दूरी की ट्रेनें शुरू करने के सम्बंध में प्रदेश शासन ने कुछ दिन और ठहरने को कहा है। प्रदेश शासन की अनुमति के बिना किसी भी यात्री ट्रेन का संचालन नहीं किया जा सकता।’ यह बात गुरुवार को ऑनलाइन पत्रकारवार्ता में पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक शैलेन्द्र सिंह ने कहीं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में चलाई जा रहीं ट्रेनों में से ट्रेनों में सीट के अनुपात में यात्रियों का ग्राफ बीस से तीस प्रतिशत तक है। इस दौरान सीपीआरओ प्रियंका दीक्षित ने लॉकडाउन में पमरे की उपलब्धियां भी बताईं।
मालगाडिय़ों की बढ़ी रफ्तार
जीएम सिंह ने बताया कि मालगाडिय़ों की रफ्तार 25 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा से बढ़ाकर 50 किमी प्रतिघंटा तक की गई है। उन्होंने बताया कि कोटा रेल मंडल में राजधानी एक्सप्रेस की रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटा थी, लेकिन अब वहां एलएचबी कोचों वाली अन्य टे्रनों की रफ्तार भी 130 किमी प्रतिघंटा तक हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि कोरोना संकट से उबरने के बाद ट्रेनों की रफ्तार बढ़ी हुई मिलेगी।
बगैर ब्लॉक लिए काम, ओवर ड्यू नहीं
रेलवे ट्रैक हो या फिर ओएचई लाइन या फिर प्लेटफॉर्म का काम, किसी भी प्रकार के काम के लिए या तो सामान्य यात्री ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ता था या फिर उन्हें रद्द करना पड़ता था। लॉकडाउन में ट्रेनों का संचालन बंद हुआ, तो इस समय का सदुपयोग किया गया और अधिक से अधिक मैंटेनेंस का काम किया गया। अब किसी भी प्रकार का ओवर ड्यू मैंटेनेंस पूरी तरह से निल हो चुका है। उन्होंने बताया कि मदन महल रेलवे स्टेशन के निर्माण कार्य ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है। मार्च तक यहां कई कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। बजट की कमी महसूस हो रही थी, इसके लिए प्रस्ताव बनाकर रेलवे बोर्ड भेज दिया गया है।
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