
जबलपुर। यूनिफॉर्म से स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर चार माह बाद भी अमल नहीं हो सका है। स्व-सहायता समूहों को न तो रोजगार मिला न विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म की राशि अथवा यूनिफॉर्म ही मिल सकी। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट काल में यूनिफॉर्म के लिए सीधे राशि देने के बजाय जिला स्तर पर स्व-सहायता समूहों के माध्यम से यूनिफॉर्म तैयार कर स्कूलों में बंटवाने का निर्णय किया था। इसका उद्देश्य स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाना था। लेकिन, चार माह बाद भी योजना पर अमल नहीं हो सका। जानकारों की मानें तो अगस्त में ऑर्डर होने पर नवम्बर तक यूनिफॉर्म तैयार हो सकेगी।
जिला पंचायत को चाहिए आठ करोड़ रुपए
यूनिफॉर्म सिलाने के लिए जिला पंचायत को 8 करोड़ रुपए चाहिए। पंचायत ने राज्य शिक्षा केंद्र से राशि की मांग की, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। राशि नहीं होने से निविदा भी नहीं निकाली जा सकी है। स्व-सहायता समूहों को तीन माह में यूनिफॉर्म उपलब्ध कराना है।

अभी दिए जाते थे 600 रुपए
स्कूली बच्चों को दो जोड़ी यूनिफॉर्म के लिए अभी तक छह सौ रुपए दिए जाते थे। सत्र 2020-21 के लिए अभी तक न राशि जारी हुई है न ही यूनिफॉर्म तैयार करने पर निर्णय हुआ है। अब स्कूल शिक्षा विभाग ने यूनिफॉर्म सिलवाकर देने का निर्णय किया है।
400 समूहों को मिलना था काम
योजना के तहत जिले में कार्यरत 400 स्व-सहायता समूहों को काम मिलना था। जिला पंचायत के माध्यम से स्व-सहायता समूहों का चयन कर 70 क्लस्टर में बांटकर काम दिया जाना है। यूनिफॉर्म सप्लाई की 80 प्रतिशत राशि पहले दी जानी है। शेष राशि यूनिफॉर्म प्रदान करने के बाद दी जाएगी। स्व-सहायता समूह शाला प्रबंध समिति को यूनिफॉर्म की सप्लाई करेंगे। इसमें राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, महिला वित्त एवं विकास निगम, शहरी क्षेत्रों में नगरीय विकास एवं आवास विभाग को शामिल किया गया है।
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