कार एजेंसी संचालक ने 6.25 करोड़ की जीएसटी चोरी की

जबलपुर . अंधमूक बाईपास स्थित सागर ऑटोटेक प्रा. लि. के संचालकों ने परिवहन की टैक्स चोरी के साथ-साथ 6.25 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी भी की थी। जीएसटी की रिपोर्ट मिलने के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने मंगलवार को पूर्व से दर्ज प्रकरण में जीएसटी की धारा 122 की बढ़ोतरी की है।
ईओडब्ल्यू एसपी नीरज सोनी ने बताया कि एजेंसी संचालक प्रतीक जैन, उसकी पार्टनर पत्नी मीनल जैन ने 2018 से जुलाई 2019 के बीच में 100 से अधिक लोगों को मंहगे वाहन बेचे, लेकिन लेकिन परिवहन विभाग को कम कीमत दर्शाते हुए इनवॉइस (बिक्री रसीद) भेजा। इससे परिवहन विभाग को नौ प्रतिशत की दर से मिलने वाले मोटरयान कर की क्षति हुई। ईओडब्ल्यू ने मामले में धारा 420, 467, 468 का प्रकरण दर्ज करते हुए जुलाई 2019 में एजेंसी पर छापा मारा था। आरोपियों ने जीएसटी से बचने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया था, जो छापे में जब्त हुआ था। इसकी जांच ईओडब्ल्यू ने जीएसटी से कराई तो जीएसटी चोरी का मामला सामने आया।
इन शिकायतों के बाद हुई थी कार्रवाई-
केस-एक
शहडोल के शुभम अरोरा को 36.34 लाख की गाड़ी बेची। परिवहन विभाग को 27 लाख रुपए का बिक्री इनवॉइस भेजकर मोटरयान कर में 84 हजार रुपए की क्षति पहुंचाई।
केस-दो
एजेंसी ने गोटेगांव के राहुल राज जैन को 12.30 लाख की गाड़ी बेची। परिवहन विभाग को 8 लाख 31 हजार 612 रुपए की बिक्री रसीद भेजकर 31,355 रुपए की क्षति पहुंचाई।
केस-तीन
गढ़ा निवासी रोहित तिवारी को 34 लाख 49 हजार 501 रुपए की गाड़ी बेची। एजेंसी ने इनवॉइस में कम कीमत दर्शाते हुए परिवहन विभाग को 36 हजार की क्षति पहुंचाई।
प्रदेश में जीएसटी की धारा की पहली कार्रवाई
एसपी नीरज सोनी ने बताया कि मप्र में जीएसटी की धारा लगाने की ये पहली कार्रवाई की गई है। जीएसटी की जांच रिपोर्ट में बताया गया कि एजेंसी संचालकों ने 4.50 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की थी। वहीं 1.61 करोड़ रुपए फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से जीएसटी क्लेम भी ले लिया था। इसके चलते अब आरोपियों के खिलाफ जीएसटी की धारा 122 भी बढ़ाई गई है।



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