टीएफआरआई में वैज्ञानिक से 50 हजार की ठगी

जबलपुर। टीएफआरआई में पदस्थ वैज्ञानिक के खाते से 50 हजार रुपए के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय हुई ठगी की रकम राज्य सायबर सेल ने वापस करा दिया। दरअसल ठगी होते ही पीडि़त ने तुरंत शिकायत की। इससे जालसाज के रकम निकालने से पहले राज्य सायबर सेल ने होल्ड करा दिया था। एसपी अंकित शुक्ला ने बताया कि सायबर ठगी होने के बाद जितनी जल्दी शिकायत की जाए, उतना ही फायदेमंद होता है।
एसपी शुक्ला ने बताया कि टीएफआरआई में वैज्ञानिक डॉ. अविनाश जैन ने दो अगस्त को शिकायत कर बताया कि वह स्वयं के मोबाइल पर इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से बीमा की किश्त जमा कर रहा था। तभी एक पॉपअप खुलकर मेन पेज पर आ गया। उनसे अनजाने में बैंक सम्बंधी सभी गोपनीय जानकारी उक्त पॉपअप पर दर्ज कर दी। इसके बाद उनके खाते से 50 हजार रुपए निकल गए। प्रकरण दर्ज कर निरीक्षक हरिओम दीक्षित और एसआई प्रवेन्द्र दुबे व आरक्षक अजीत गौतम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पॉपअप और बीमा कम्पनी के नोडल अधिकारी केा मेल किया। चार अगस्त को उनके खाते से ट्रांजेक्ट हुई रकम वापस आ गई।

क्या करें और न करें-
-ठगी होने पर तुरंत सायबर कार्यालय पहुंच कर शिकायत करें।
-इंटरनेट बैंकिंग के दौरान स्वयं के मोबाइल और डेटा का प्रयोग करें।
-गोपनीय पासवर्ड स्पेशल कैरेक्टर, अल्फा, न्यूमेरिक का उपयोग करके बनाएं।
-राशि के ट्रांजेक्शन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि राशि प्राप्त करने वाला खाताधारक वास्तविक है या नहीं।
-किसी अनजान सोर्स पर ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया संचालित न करें।
-कोई भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
-किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ बैंक सम्बंधी पासवर्ड या प्रोफाइल शेयर न करें।
-अनजान व्यक्ति द्वारा भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन न करें। न ही कोई एप्स इंस्टॉल करें।
-अनजान व्यक्ति द्वारा भेजा गया मैसेज भी किसी नम्बर पर फॉवर्ड न करें।



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