
35 साल बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है। नाम परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मसौदे की प्रमुख सिफारिशों में से था, जिसे पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भी मंजूरी दे दी थी। इस बारे में सोमवार रात प्रकाशित एक सूचना पत्र में बताया गया कि राष्ट्रपति ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया है।
साल 1985 में बदला था नाम
इससे पहले साल 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान शिक्षा मंत्रालय का नाम बदलकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय कर दिया गया था। जिसके अगले ही साल एनईपी को पेश किया गया था और बाद में इसे 1992 में संशोधित किया गया। इस दौरान पी. वी. नरसिम्हा राव राजीव गांधी कैबिनेट में पहले मानव संसाधन विकास मंत्री बने।
के. कस्तूरीरंगन के पैनल ने दिया सुझाव
एनईपी के लिए बने इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाले पैनल ने सबसे पहले नए मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम फिर से बदलकर शिक्षा मंत्रालय करने का सुझाव दिया था। इसके पहले साल 2018 में, इस विचार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने प्रस्तुत किया था।
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