UGC Guideline: अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक कराना अनिवार्य

कोविड-19 के लगातार बढ़ते मामलों के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के लिए वार्षिक परीक्षाएं 30 सितंबर से पहले अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश जारी किए हैं। परीक्षाओं को लेकर 755 विश्वविद्यालयों ने यूजीसी के दिशा-निर्देशों पर अपना जवाब भेजा है।

इनमें 120 डीम्ड, 274 निजी, 40 केन्द्रीय व 321 राज्य विश्वविद्यालय शामिल हैं। हालांकि दिल्ली, राजस्थान पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओड़िसा, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य परीक्षाओं के आयोजन को लेकर असमर्थता जताते हुए उन्हें रद्द कर चुके हैं। यूजीसी के अनुसार 755 में 194 विश्वविद्यालय अपने संस्थानों में ऑनलाइन व ऑफलाइन माध्यम से सफलतापूर्वक परीक्षाएं करवा चुके हैं, जबकि 366 विभिन्न विश्वविद्यालय अगस्त व सित्म्बर में ऑनलाइन, ऑफलाइन व मिश्रित संसाधनों से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। इनमें से कुछ विश्वविद्यालय ऐसे भी हैं जो अभी तक यह तय नहीं कर सके हैं कि वे परीक्षाएं कब और कैसे आयोजित करेंगे। 27 ऐसे भी हैं, जिनकी स्थापना इसी वर्ष हुई हैं।

गैरहाजिर रहने पर विशेष परीक्षा में बैठने का अवसर
यदि परीक्षा में टर्मिनल सेमेस्टर अंतिम वर्ष का कोई भी छात्र उपस्थित होने में असमर्थ रहता है, चाहे जो भी कारण रहा हो, तो उसे ऐसे पाठ्यक्रम और प्रश्नपत्रों के लिए विशेष परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जा सकता है।



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