
नई दिल्ली।
Rashtriya Madhyamik Shiksha Abhiyan: स्कूली बच्चों ( Students ) के व्यक्तित्व विकास और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है। मार्च, 2009 में बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा ( Education ) प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ( Secondary Education ) की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत प्रयास किए जा रहे हैं कि स्टूडेंट्स का ओवरऑल डवलपमेंट हो सके और वे समाज की मूलधारा के साथ आगे बढ़ सके।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य माध्यमिक स्तर पर गुणवत्ता युक्त शिक्षा में पहुंच बढ़ाने और इसमें सुधार करना है। इसके लिए सभी माध्यमिक स्कूलों ( Schools ) के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत अब तक लाखों बच्चे प्रारम्भिक शिक्षा लेने में सफल रहे हैं।
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योजना के उद्देश्य
माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 14-18 वर्ष आयु के विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराना। अधिवास क्षेत्रों में माध्यमिक विद्यालय की सुविधा उपलब्ध कराना। 2020 तक सभी बच्चों को स्कूल में बनाये रखना। समाज के आर्थिक रूप से कमज़ोर तबकों के लिए विशेष शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके अलावा नियमों के अनुसार माध्यमिक विद्यालय स्तर की शिक्षा को सुगम बनाना। कोई भी बालक सामाजिक, आर्थिक और असमर्थता के कारण शिक्षा से वंचित ना रहें। माध्यमिक शिक्षा का स्तर सुधारना आदि इस योजना का उद्देश्य हैं।
योजना कार्य
माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 2005-06 में 52.26% की तुलना में अपने कार्यान्वयन के पांच वर्ष के भीतर किसी भी बस्ती से उपयुक्त दूरी पर एक माध्यमिक स्कूल उपलब्ध कराकर कक्षा IX-X के लिए 75% का सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करने पर ध्यान दिया गया है। सभी माध्यमिक स्कूलों को निर्धारित मानदंडों के अनुरूप बनाकर माध्यमिक स्तर पर दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना। लैंगिक, सामाजार्थिक तथा नि:शक्तता बाधाएं हटाना। वर्ष 2017 अर्थात् 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक माध्यमिक स्तर शिक्षा तक व्यापक पहुंच। वर्ष 2020 तक छात्रों को स्कूल में बनाए रखने में वृद्धि और उसका सर्वसुलभीकरण।
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