
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह (CM Amarinder Singh) द्वारा बीते हफ्ते किए ऐलान के बाद पंजाब कैबिनेट ने पीसीएस बनने के इच्छुक पूर्व सैनिकों के लिए मौके बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। पंजाब राज्य सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में मौकों की संख्या में यह वृद्धि अब केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तरफ से दिए जाने वाले मौकों के पैटर्न के अनुसार कर दी गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने इस सम्बन्धी पूर्व सैनिकों के लिए भर्ती के कानून पंजाब रिक्रूटमेंट ऑफ एक्स सर्विसमैन रूल्स, 1982 के रूल 5 के क्लॉज (1) में मौजूदा उपबंध में संशोधन को मंजूरी दे दी।
पहले सिर्फ चार मौके मिलते थे
इस मंजूरी से जनरल श्रेणी के पूर्व सैनिक उम्मीदवारों को मौजूदा समय में मिलने वाले चार मौकों की बजाय अब छह मौके मिलेंगे। इसी तरह पिछड़ी श्रेणी के पूर्व सैनिक उम्मीदवारों के लिए चार मौकों को बढ़ाकर 9 मौके कर दिए हैं, जबकि अनुसूचित जाति श्रेणी के पूर्व सैनिकों के लिए अनगिनत मौके कर दिए गए हैं। यह फैसला पूर्व सैनिकों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए यूपीएससी के पैटर्न पर किया गया है जिससे पूर्व सैनिकों की भर्ती के 1982 के नियमों के रूल 5 की त्रुटि दूर हो जाएगी। मौजूदा नियमों के अंतर्गत पीसीएस की परीक्षा के लिए सभी वर्गों के पूर्व सैनिक उम्मीदवारों को अधिक से अधिक चार ही मौके मिलते थे।
मौके बढ़ाने के लिए मांग की जा रही थी
पंजाब लोक सेवा आयोग (Punjab Public Service Commission) ने पहले भी मुख्य सचिव को बताया था कि पंजाब राज्य सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (Punjab State Civil Services Combined Competitive Examination) के लिए पूर्व सैनिकों और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए निर्धारित किए मौकों की त्रुटि को दूर करके मौके बढ़ाने के लिए उनके पास कई मांग पत्र पहुंचे थे।
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