
जबलपुर। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए एक जुलाई से शुरू हुए किल कोरोना अभियान में 15 दिन में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने करीब 25 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की। अभियान के तहत सर्वे के लिए 2500 पायलट और 371 जांच टीमें बनाई गई थीं। टीमों ने 15 दिन में जिले में 4 लाख 98 हजार 697 घरों के 25 लाख 31 हजार 191 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का सर्वे किया। इस दौरान 2419 कोरोना संदिग्ध और 1,198 अन्य रोगों से पीडि़त मिले। 7,796 गर्भवती महिलाओं और टीकाकरण से छूटे 843 बच्चों की भी पहचान की गई। अभियान के अंतिम दिन गुरुवार को जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 25 हजार 246 घरों के एक लाख 26 हजार 230 व्यक्तियों के स्वास्थ्य का सर्वे किया गया। इसमें कोरोना से मिलते जुलते लक्षणों वाले 147 मरीजों और 42 अन्य रोगों से पीडि़त मिले। 247 गर्भवती महिलाओं एवं टीकाकरण से छूटे 13 बच्चों को भी चिंहित किया गया। सर्वे पूरा होने तक अभियान जारी रहेगा।

स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट बनेगा कोविड केयर सेंटर
शहर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढऩे के बाद मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट को कोविड केयर सेंटर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए करीब 50 करोड़ रुपए से नया भवन बनाया गया है। योजना के मुताबिक भवन अब तक हैंडओवर हो जाना था। लेकिन, निर्माण एजेंसी की ढिलाई से प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो सका।
कोरोना संक्रमण की दर बढऩे के बाद कोविड मरीजों को भर्ती करके इलाज और आइसोलेशन के लिए नए बिस्तरों की जरूरत महसूस की जा रही है। इसलिए कैंसर इंस्टीट्यूट के भवन के शेष कार्यों को जल्द पूरा करने जोर लगाया जा रहा है। कलेक्टर भरत यादव और एनएससीबीएमसी के डीन डॉ. पीके कसार के बीच बुधवार को कैंसर इंस्टीट्ूयूट को कोविड अस्पताल बनाने पर चर्चा हुई। अधिकारियों ने इंस्टीट्यूट बिल्डिंग का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर ने पीआईयू-पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को अधूरे कामों को पूरा करने के निर्देश दिए।
जानकारी के अनुसार कैंसर इंस्टीट्यूट का भवन संबंधी फिनिशिंग काम पूरा हो गया है। ऑक्सीजन सप्लाई लाइन और फायर फाइटिंग का काम अधूरा है। इंस्टीट्यूट के लिए जरूरी फर्नीचर तैयार नहीं हैं। कॉलेज प्रशासन के पास 150 नए बेड रिजर्व हैं। इन बिस्तरों के साथ इंस्टीट्यूट शुरू किया जा सकता है।
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