
जबलपुर। इस वर्ष आषाढ़ के बाद सावन भी सूखा बीत रहा है। आमतौर पर सावन के महीने में बारिश की झड़ी शहर को तर कर देती है। सीजन का बरसात का कोटा फुल हो जाता है। लेकिन इस बार मानसून के प्रवेश के बाद से बादल दगा दे रहे है। आषाढ़ में पानी के लिए तरसाने वाले बादलों का सावन में भी वहीं रवैया बना हुआ है। पहले सावन सोमवार को झड़ी के साथ अच्छी वर्षा का संकेत देकर बादल आगे चलकर फिर धोखा दे गए। इस महीने के ज्यादातर दिनों में दोपहर बाद बादल उमड़े-घुमड़े और गरजें भी लेकिन वैसे नहीं बरसें कि सावन की रिमझिम या झमाझम में शहर डूब जाए। बादलों के रुठे रहने से सावन के आधे दिन बीत जाने के बाद भी मौसम में उमस-गर्मी बनी हुई है। दोपहर में धूप चुभ रही है। जुलाई का पहला पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी गर्मी लोगों का पसीना निकाल रही है।
पारा चढ़ा, चिपचिपी गर्मी से बेचैनी
बारिश नहीं होने से शनिवार को भी मौसम शुक्रवार जैसा बना है। दोपहर जैसे जैसे हो रही हैं धूप भी चुभने लगी है। पारा चढऩे के साथ ही उमस-गर्मी बढ़ी है। अधारताल स्थित मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री सी और न्यूनतम तापमान 24.9 डिग्री सेल्सियस था। शुक्रवार को करीब एक डिग्री उछाल के साथ अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड हुआ। यह सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा बना रहा। न्यूनतम तापमान बढकऱ 25.4 डिग्री सेल्सियस हो गया। यह भी सामान्य से एक डिग्री ज्यादा बना रहा। पारे में उछाल के साथ पूरे दिन लोग चिपचिपी गर्मी से बेचैन रहे। शुक्रवार को आद्र्रता सुबह के समय 80 प्रतिशत और शाम को 74 प्रतिशत थीं। दक्षिण-पूर्व हवा पांच किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चली।
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