
जबलपुर। सावन कहने को झमाझम बारिश का महीना बन गया है। जबलपुर में रूठे सावन को मनाने भले ही लाख जतन हो रहे हों पूजा पाठ से लेकर टोटके तक किए जा रहे। किंतु इंद्रदेव मानने को तैयार नहीं हैं। खंड वर्षा के चलते एक क्षेत्र में पानी गिरता है तो दूसरा सूरज से तपता रहता है। बुधवार को भी दोपहर 1 बजे के आसपास पचपेढ़ी में जोरदार बारिश हुई, वहीं मालगोदाम के पास बादल छाए रहे और कलेक्ट्रेट के पास सूर्यदेव लोगों का पसीना बहाते रहे। मौसम विभाग के द्वारा अब तक दिए गए सभी अनुमान फेल होते नजर आ रहे हैं। ऐसे में बारिश कब मेहरबार होगी ये कोई नहीं बता सकता है।
मौसम की करवट: रुक-रुक कर करीब 5.2 मिमी बारिश
बादल हुए मेहरबान, झमाझम का अब भी इंतजार
वहीं आसमान पर कई दिन से मंडरा रहे काले बादल मंगलवार को मेहरबान हुए। लंबे इंतजार के बाद राहत की बूंदे टपकी एक साथ तीन सिस्टम सक्रिय होने से मंगलवार को सुबह से ही बादलों ने बारिश का माहौल बनाया। दोपहर से लेकर रात तक कई किस्त में अलग-अलग हिस्से में रुक-रुक कर हल्की बूंदाबांदी हुई। शाम 5:30 बजे तक 5.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। बूंदाबांदी से चली नमी भरी हवा और धूप नहीं निकलने से पारे में नरमी आई। रात के समय गर्मी और उमस से भी कुछ राहत महसूस हुई। उम्मीद के मुताबिक बारिश मंगलवार को भी नहीं हुई। काले घने बादल छाए रहने के बाद भी झमाझम बारिश का इंतजार खत्म नहीं हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। दोनों स्तर पर तापमान में गिरावट आई। आद्र्रता सुबह के समय 82 फीसदी और शाम को 92 फीसदी थी। दक्षिण पश्चिमी हवा 5 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति से चली। मौसम विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सहायक देवेंद्र कुमार तिवारी के अनुसार दक्षिण पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर एक चक्रवात है। कर्नाटक से लेकर तमिलनाडु तक द्रोणिका है। जिसके असर से पूर्वी मध्य प्रदेश में अनेक स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।
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