
जबलपुर। अक्सर सभी ने कैल्शियम और विटामिन डी के बारे में सुना है। साथ ही यह भी जानते हैं कि यह दोनों की चीजें बॉडी के लिए कितनी जरूरी होती हैं। इस बीच आपने पैराथायराइड के बारे में शायद ही सुना हो। दरअसल पैराथायराइड यथाईराईड के बारे मे शायद ही सुना हो। यह बॉडी में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करने में अहम रोल निभाती है। जुलाई का महीना पूरे विश्व में पैराथायराइड जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। ताकि सभी लोग इसके प्रति जागरूक होकर इससे बचाव कर सकें।
क्या है पैराथायराइड
पैराथायराइड चार एंडोक्राइन ग्रंथिया हैं, जो की गले मे थायराइड ग्रंथि के पीछे स्थित होती है। यह केवल मटर के दानें के बराबर होती है। पैराथायराइड हारमोन बनाती है यह हारमोन काफी जरूरी काम करता है। इसका काम बॉडी में खून में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करना होता है। अगर इन चारों ग्रंथियों में ट्यूमर हो जाए तो उससे बहुत अधिक मात्रा में पीटीएच हारमोन बनने लगता है। यह हारमोन हड्डियों से कैल्शियम को निकालकर रक्त में विस्थापित कर देता है। इसके कारण हड्डियां धीरे-धीरे खोखली होने लगती हैं।
अन्य अंगों का करता है प्रभावित
ब्लड में कैल्शियम अधिक होने के कारण यह शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करने लगता है। इसके चलते मांसपेशियों, किडनी, रक्त नली, मस्तिष्क आदि में कैल्शियम जमा होने लगता है। यह प्रक्रिया होने में वर्षों लग जाते हैं ऐसे में बीमारी की पहचान भी देरी से हो पाती है।
जागरुकता की जरूरत
मेडिकल सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर एमएस डॉ. संजय कुमार यादव ने बताया कि इस बीमारी से बचाव जागरूकता ही है। मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग में इस बीमारी के इलाज के लिए हमे सामान्य नागरिक़ो को इसके लिए जागरूक करने की ज़रूरत हैण् मेडिकल कॉलेज जबलपुर के सर्जरी विभाग मे इस बीमारी के इलाज की मिनिमल एक्सेस सर्जरी और दूरबीन द्वारा सर्जरी की सुविधाएं हैं। ऐसे में ब्लड में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा का चैकअप करवा रहे डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते हैं।
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