
यह है वजह
-बेहतर परीक्षा परिणाम
-स्कॉलरशिप का लाभ
-प्रोत्साहन योजना
-मुफ्त साइकिल, गणवेश एवं किताबें
-अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई
-बेहद कम शुल्क
-उत्कृष्ट परिणाम पर सम्मान
जबलपुर। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते लोगों की आय के साधनों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। ऐसे में जबलपुर में भी निजी स्कूलों की ओर से ली जा रही मोटी फीस जमा करने में अधिकांश लोग असमर्थ महसूस कर रहे हैं। अब बड़ी संख्या में अभिभावक सरकारी स्कूलों की ओर रुख कर रहे हैं। शहर के उम्दा सरकारी स्कूलों की पूछ परख बढ़ती जा रही है। अभिभावक सरकारी स्कूलों में उपलब्ध शिक्षण व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं। शहर के कई सरकारी स्कूलों में उम्दा इंफ्रास्ट्रक्चर होने के साथ बेहतरीन शिक्षण व्यवस्था उपलब्ध है। शासकीय उत्कृष्ट पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल स्कूल, स्मार्ट सिटी के शासकीय लक्ष्मी नारायण स्कूल, घमापुर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, शासकीय कन्या उमावि करौंदी, शासकीय कन्या उमावि महारानी लक्ष्मी बाई, शा. रानीदुर्गावती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गढ़ा गंगानगर जैसे स्कूलों में एडमीशिन को लेकर पूछ परख बढ़ गई है।
अंग्रेजी में भी पढ़ाई
कुछ शासकीय स्कूलों में अब अंग्रेजी माध्यम में शिक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है। मिडिल स्कूलों में अंग्रेजी का प्राथमिकता दी जाने लगी है। इससे अभिभावक भी इस ओर आकर्षित होने लगे हैं। स्कूलों में प्रवेश के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। दरअसल एक बोर्ड से दूसरे बोर्ड में जाने के दौरान ग्राहता लेनी पड़ती है। अब विभाग की ओर से भी आसानी से ग्राहता प्रदान की जा रही है। सरकारी स्कूल भी अपनी ओर से पहल करते हुए प्रवेश लेने वाले ऐसे समस्त छात्रों की एक साथ ग्राहता लेकर उनकी परेशानी कम कर रहे हैं।
मॉडल स्कूल की प्राचार्य वीणा वाजपेयी ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बदली परिस्थितियां और निजी स्कूलों की महंगी फीस के कारण अब अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला करा रहे हैं। मॉडल स्कूल में अधिकांश प्राइवेट स्कूलों के छात्र प्रवेश के लिए आ रहे हैं। ननि शिक्षा अधिकारी बीना वर्गीस का कहना है कि अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से इन स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए इच्छुक हैं। जेएमसी की मदद से हमने अपने स्कूलों को हाईटेक किया है। कम्प्यूटर लैब ऑनलाइन टीचिंग वेबसाइट जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं। शासकीय कन्या उमावि करौंदी के प्राचार्य रामकुमार श्रीवास्तव का कहना है कि रांझी, गोकलपुर, मड़ई आदि क्षेत्रों से अभिभावकों ने प्रवेश के लिए पूछताछ की है। अभिभावकों के आवेदन भी पहुंचे हैं, जिसमें कई छात्राएं निजी स्कूलों में अध्ययनरत हैं।
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