
जबलपुर। कोरोना के कहर के बीच बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हुए। लेकिन, जबलपुर में इस दौर में भी कुछ लोग 'हीरोÓ के रूप में सामने आए हैं। कोरोना पॉजिटिव के बढ़ते मामलों के कारण संक्रमित से बात कर कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तैयार करने की चुनौती स्वीकार करना हो या लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क लगाने के लिए जागरूक करते हुए कानूनी पाठ पढ़ाना हो। शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में अपने काम से पहचान बनाने वाले 'अनलॉक के हीरोÓ ने अपना काम बखूबी किया।
हाथों को दिया काम
लॉकडाउन में कई उद्योग बंद हो गए। बेरोजगारी बड़ी समस्या बनकर सामने आई। ऐसे में महिला उद्यमी अर्चना भटनागर ने नवाचार करते हुए हैंड सेनेटाइजर का निर्माण शुरू किया। इसके लिए उन्होंने रिछाई औद्योगिक क्षेत्र में 25 लोगों को सेनेटाइजर की पैकिंग का काम दिया। इसमें ज्यादातर महिलाएं हैं। उद्यमी अर्चना भटनागर ने कहा- 'यदि मैं अपने नियमित श्रमिकों के अलावा अतिरिक्त लोगों को रोजगार दे सकूं, इससे बेहतर क्या हो सकता था। अभी भी अधिकतर महिलाएं काम कर रही हैं।Ó
खुल गई मोहल्ला क्लास
कॉन्वेंट और अंग्रेजी माध्यम में पढऩे वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा के कई विकल्प हैं, लेकिन सुदूर ग्रामीण अंचल में ग्रामीण पृष्ठिभूमि के बच्चों के लिए यह सपना था। धरमपुरा में पदस्थ शिक्षक दिनेश के जुनून ने मोहल्ला क्लास शुरू किया। उनका संकल्प है कि वे इन बच्चों की शिक्षा की कड़ी टूटने नहीं देंगे। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा की। उन्होंने ग्रामीणों से कहा, जिनके पास एंड्रायड फोन है वे एक निर्धारित समय के लिए अपना मोबाइल पड़ोस के बच्चों को दें। अब वे रोजाना उन्हें शैक्षणिक सामग्री की लिंक मोबाइल पर भेजते हैं। ऑनलाइन टीचिंग के लिए उन्होंने स्वयं के प्रयासों से गांव में 10 एफएम रेडियो उपलब्ध कराए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मोहल्ला क्लासेस का कॉन्सेप्ट दिया। वे अब तक छह मोहल्ला क्लास शुरू कर चुके हैं। गांव के शिक्षित लोगों को भी इसके लिए तैयार किया। बच्चों को मॉस्क, सेनेटाइजर भी उपलब्ध कराया।
रात में लौटने का समय तय नहीं
शहर में अनलॉक के बावजूद हर दिन कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। ऐसे में मरीज की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री निकालना सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसकी जिम्मेदारी विक्टोरिया अस्पताल के डॉ. अमजद खान को सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि देर रात तक लैब से रिपोर्ट मिल रही है। ऐसे में सुबह से देर रात तक अलर्ट रहना पड़ता है। रिपोर्ट आते ही संक्रमित के घर जाकर कॉन्टेक्ट हिस्ट्री तैयार करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई लोग फोन पर ही आइसोलेशन के लिए कन्वेंस हो जाते हैं। उन्हें तुरंत शिफ्ट कर दिया जाता है। लेकिन कुछ ए-सिम्पोटोमेटिक व्यक्ति यह मानने को तैयार नहीं होते कि वे कोरोना संक्रमित हैँ। उन्हें समझाने में समय लगता है। इसलिए कई बार उन्हें दिन में भोजन करने का भी समय नहीं मिलता।
मास्क पहले से अधिक जरूरी
अनलॉक में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है, उसके मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और मास्क लगाना पहले से अधिक जरूरी हो गया है। इसके लिए एक थाना प्रभारी के प्रयास कई जिलों पर भारी साबित हुए। गोहलपुर टीआई रवींद्र कुमार गौतम अनलॉक में सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन और मास्क नहीं लगाने पर अब तक सात हजार लोगों पर कार्रवाई कर चुके हैं। सार्वजनिक स्थल पर थूकने पर चार लोगों से एक-एक हजार रुपए जुर्माना वसूला। 100 से अधिक लोगों पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की। वे अब तक 7.50 लाख रुपए जुर्माना वसूल चुके हैं। जबलपुर जिले में 36 थानों में 50 हजार कार्रवाई की गई। कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा के जिलों में कार्रवाई का आंकड़ा सात हजार तक नहीं पहुंचा है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://bit.ly/2W9jyWs
#jabalpur
0 Comments