
जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सार्वजनिक नाली अवरुद्ध करने के मामलें को गम्भीरता से लिया। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने निवाड़ी जिले के सक्षम अधिकारी दो माह के भीतर वीडियो कॉफ्रेंसिंग से सुनवाई कर शिकायत दूर करने के निर्देश दिए। निवाड़ी जिले के बिनवारा गांव निवासी जगदीश प्रसाद अहिरवार की ओर से अधिवक्ता आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी, सुधाकरमणि पटेल व जयेश तिवारी ने तर्क दिए कि पूर्व दिशा में गांव के रसूखदार व्यक्ति का मकान है। उसके समीप से सार्वजनिक निस्तार की नाली निकलती है। नाली को उक्त रसूखदार ने अवरुद्ध कर दिया है। इससे नाली का पानी सड़क से होकर घरों में प्रवेश करता है। नाली पर कुछ अन्य लोगों ने भी अतिक्रमण किया है। याचिकाकर्ता की पत्नी ने पूर्व में स्थानीय मंत्री से शिकायत की थी। कलेक्टर को भी पत्र लिखा। तहसीलदार को जांच के निर्देश भी जारी किए गए। जब सरपंच विवादित स्थान पर गए तो जनपद पंचायत सीईओ को संबोधित करते हुए पंचनामा तैयार किया। नाली को अतिक्रमण मुक्त कर सड़क बनाने के लिए कहा गया। इसके बावजूद अतिक्रमणकारियों की वजह से गांव का विकास अवरुद्ध हो रहा है। कोर्ट ने सक्षम अधिकारी को कार्यवाही के निर्देश देकर याचिका का निराकरण कर दिया।
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