सरकार भी बताए पायली की हकीकत

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त कोर्ट मित्र (एमिकस क्यूरी) राहुल दिवाकर ने सोमवार को कोर्ट को समीपी ग्राम पायली का आंखों देखा हाल बताया। उन्होंने अवगत कराया कि ग्रामीण वास्तव में परेशान हैं। जानकारी को रिकॉर्ड पर लेकर चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार को कहा कि पायली की हकीकत तस्वीरों के साथ कोर्ट में पेश की जाए। सड़कों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाए। अगली सुनवाई 27 जुलाई नियत की गई । सिवनी जिले के घंसौर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले जबलपुर के नजदीकी ग्राम पायली के निवासियों ने 18 जून को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा था। पत्र में कहा गया था कि गांव में रोजगार का कोई भी साधन नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गांव में कोई भी काम नहीं कराया गया। गांव के लोगों को निस्तार के लिए जंगल या नर्मदा नदी के किनारे जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने पत्र में गुजारिश की थी कि इन सभी असुविधाओं को दूर करने के निर्देश दिए जाएं। मुख्य न्यायाधीश ने 26 जून को पत्र को जनहित याचिका के रूप में दर्ज कर सुनवाई करते हुए प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास विभाग, कलेक्टर सिवनी, जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिवनी व जनपद पंचायत सिवनी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अनावेदक बनाकर नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे।



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