जानिए, कैसें लें पाएंगे आप 11वीं क्लास में Admission, WhatsApp के जरिए ऐसे करना होगा Apply

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus in India) महामारी के चलते लंबे समय से बंद स्कूलों (School Closed Due to Coronavirus) के चलते एडमिशन (Admission Open) ना हो पाने के कारण अभिभावक को घबराने की जरूरत नहीं है। इसको लेकर बड़ा फैसला किया गया है। अब 11वीं कक्षा में एडमिशन ऑनलाइन (Online Admission) । यानी आप ऑनलाइन बच्चों के एडमिशन (Online Admission in School) करवा सकते हैं या बड़ा फैसला हरियाणा (Haryana School) में लिया गया है।

इसके तहत विद्यार्थियों को संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल के मोबाइल (Whatsapp) पर व्हाट्सएप के जरिए अपने डॉक्यूमेंट भेजने होंगे। साथ ही लिखना होगा कि वह किस स्ट्रीम में एडमिशन लेना चाहते हैं। प्रिंसिपल द्वारा स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट चेक कर एडमिशन (Admission Open in School) कर लिया जाएगा। वही इस कोरोना वायरस (Coronavirus Outbreak) महामारी के चलते किसी तरह की एडमिशन फीस भी नहीं ली जाएगी। एडमिशन कंफर्म होने का मैसेज आपके मोबाइल पर आ जाएगा।

शिक्षा विभाग के अधिकारी ने दी जानकारी

इन सबमें सबसे बड़ी परेशानी अब साइंस के स्टूडेंट्स (Science Student) को होगी, क्योंकि बिना लैब के पढ़ाई करने में दिक्कत आड़े आ सकती है, लेकिन शिक्षा विभाग (Haryana Education Department) इसके लिए योजना बना रहा है, ताकि किसी की पढ़ाई बाधित न हो। इसकी जानकारी देते हुए मौलिक शिक्षा विभाग (Education Department) के निदेशक प्रदीप कुमार ने बताया कि अब 11वीं कक्षा में विद्यार्थियों के एडमिशन ऑनलाइन (Online Admission Open in School) होंगे। प्रिंसिपल के वाॅट्सएप नंबर पर कोई भी विद्यार्थी डकोमेंटस भेजकर एडमिशन के लिए एप्लाई कर सकता है।

2000 पर्यवेक्षकाें की लगेगी ड्यूटी

इसके साथ ही14 हजार से अधिक स्कूलों के मुखिया जो जानकारी पोर्टल पर अपलोड करेंगे, इसकी जांच हाेगी। इसके लिए रोजाना 20 विद्यार्थियों को फोन पर बातचीत की जा रही है। इसके लिए बाकायदा 2000 पर्यवेक्षकाें की ड्यूटी लगी है।

एेसे होगी पढ़ाई

शिक्षा विभाग की ओर से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को लेटर भेजा गया है। इसमें लिखा कि जो सब्जेक्ट ऑनलाइन पढ़ाए जा सकते हैं, वही ऑनलाइन सिलेबस में होंगे, जो ऑनलाइन नहीं पढ़ाए जा सकते, उनको काट दिया जाएगा। जब भी स्कूल खुलेंगे, उस समय प्रैक्टिकल सब्जेक्ट को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाएंगी, जो विषय कटेंगे, वे ऑनलाइन पढ़ाने पड़ेंगे, लेकिन एग्जाम में शामिल नहीं होंगे। सब्जेक्ट सारे पूरे कराने हैं। प्रैक्टिकल के लिए वर्चुअल व एगुमेंटिंग रियलटी डिवाइस में ऑनलाइन पढ़ाई संभव है। इसके लिए अधिक राशि खर्चनी पड़ेगी। बच्चों को लॉग इन आईडी उपलब्ध कराने होंगे।

हर सप्ताह में होगी बच्चों से बातचीत

स्कूलों में टीचर हर स्टूडेंट से वीक में एक बार बातचीत करेंगे और यह जानने की कोशिश करेगा कि वह किस तरह से पढ़ाई कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक 1 दिन में 20 स्टूडेंट्स से बातचीत किया जाना जरूरी है। टीचर्स को यह जानना जरूरी होगा कि बच्चों को पढ़ाई में किसी तरह की कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। स्टूडेंट तक बच्चों से संवाद सही तरह से हो रहा है या नहीं। स्टूडेंट्स सारणी के अनुसार टीवी देख रहे हैं या नहीं, टीचर जो होमवर्क दे रहे हैं बच्चे वह पूरा कर रहे हैं या नहीं यह सारी जिम्मेदारी टीचर्स की होगी। इसके साथ ही पेरेंट्स के मोबाइल नंबर भी टीचर्स के पास होने जरूरी होंगे।



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